बैरसिया:- बैरसिया तहसील कार्यालय में लिपिक (बाबू) की कमी अब ग्रामीणों की एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बढ़ते प्रशासनिक कार्यों के बीच बाबुओं की अनुपलब्धता के चलते तहसील का कामकाज ठप पड़ता नजर आ रहा है। हालात इतने विकट हैं कि अधिकारियों को मजबूरन प्राइवेट कर्मचारियों के भरोसे काम चलाना पड़ रहा है, जिससे ना सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि संवेदनशील दस्तावेजों की गोपनीयता भी खतरे में है।
प्रशासन से की तत्काल नियुक्ति की मांग
हर्रा खेड़ा सर्किल के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण विशेष रूप से परेशान हैं। सर्किल तहसीलदार लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों से अवकाश पर हैं, जिससे वहां के शासकीय कार्य पूरी तरह से ठप हो चुके हैं। ग्रामीणों को मामूली कामों के लिए भी दिनभर तहसील कार्यालय में बैठना पड़ता है, बावजूद इसके समाधान नहीं मिलता। ग्रामीणों का कहना है कि इन समस्याओं को नजरअंदाज करना अब प्रशासन के लिए उचित नहीं होगा। चूंकि यह केवल एक नियुक्ति का विषय नहीं, बल्कि जनसेवा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता से जुड़ा मुद्दा है। लिहाजा प्रशासन से अपेक्षा है कि वह शीघ्र संज्ञान ले और आवश्यक कदम उठाए, ताकि अनावश्यक परेशानियों से राहत मिल सके। इस संबंध में तहसीलदार श्रीमती करुणा दंडोतिया से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हम लगातार प्रशासन से बाबू की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। लिपिकों की कमी के कारण हम सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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